क्या हुआ उस गरीब परिवार के साथ? एक सच्ची कहानी!

 बिहार के एक छोटे गांव में एक गरीब मां ने अपने इकलौते बेटे को जन्म दिया, वो मां भी कितनी अभागी थी जो अपने नवजात शिशु को गोद मे उठा कर उसका माथा भी नहीं चूम सकी और जन्म देते ही परलोक को चली गई|

बाप अब अकेला रह गया था|पर अपने बेटे की लालन –पालन में कोई कमी नहीं रखी|बरसात की मौसम में बहती उस मिट्टी के घर को समेटते उसने अपने परिवार को भी समेटा हुआ था |रोजी रोटी के लिए वो गांव के एक बूढ़े बुढ़िया के घर काम करने लगा |आखिर वो बूढ़े–बुढ़िया का परिवार उसे देता भी क्या होगा ,पीने को दूध और खाने को अनाज और रोटी|इसमें उसका गुजारा चल रहा था |
      उसका लड़का अब बड़ा हो रहा था ,लोग उससे बाते करना चाहते पर वो कुछ न बोलता .... कुछ उम्र और बढ़ने पर ये स्पष्ट हो गया कि वो गूंगा है|उस पिता की मुश्किलें तब और बढ़ी जब उसे पता चला कि उसका लड़का समझ पाने में भी उतना सक्षम नहीं है |क्या उस नवजात पर अपनी मां को खोने का ये सदमा था ? जो उसे उसके जन्म के समय ही मिल गया था |खैर,  अब पिता भी अपने बेटे को कोसने लगा था, उनके बीच अब दूरियां बढ़ने लगी |घर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं था | तो बाप ने अपने बेटे को भी दूसरे के खेतों में काम करने के लिए भेजने लगा, घर में अब दो कमाने वाले हो गए| यही सोच बाप ने जल्दी ही अपने बेटे की शादी एक अपाहिज लड़की से करा दी |समय एक बार फिर पलटा, बहु भी उस लायक न मिली कि उस बाप बेटे को एक परिवार के रूप में समेट सके|घर की सारी जमा पूंजी वो धीरे धीरे बेच आई, घर में अब कुछ खाने को न बचा|इस चिंता ने उस बूढ़े बाप को खटिया पकड़ा दिया |

ना वो बोल पा रहा था ना ही कुछ कर पता ताकि फिर सब कुछ दुबारा इकट्ठा कर सके |एक दिन वो भी परलोक को चला गया |लड़का अब अकेले था उसकी पत्नी रोज उससे झगड़ती और ताने देती पर वो कुछ न बोलता |लोगों के घरों में काम करके कुछ कमा ले रहा था|बाप के मरने के कुछ दिन बाद ही उसका शरीर पीला पड़ने लगा |गांव के एक भले इंसान ने उसका इलाज कराया पर वो बचा नहीं |
वो तीनों मां, बाप बेटे तो चले गए पर अपने पीछे एक कच्ची मकान छोड़ गए |उस मकान के लिए उसके परिजनों में मार पीट होती रहती है –कोई कहता है वो मेरा चाचा था तो वो मकान उसका हुआ कोई कहता है मेरा दामाद था तो मकान उसका हुआ |कहा गई इंसानियत! जब वो जिंदा था तो किसी ने अन्न के एक दाने के लिए उसे पूछा न होगा | और आज वो सबका है | 


ये कहानी है एक ऐसे गरीब परिवार की जिसे जिंदगी ने आजमाया और वो जीने का हर प्रयास किया पर वो जिंदगी से हार गया और वो परिवार खो गया | ऐसे ही दिल छू जाने वाली कहानियों के लिए हमारे साथ बने रहे |



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